गोल्ड में आई बड़ी गिरावट: क्या अब 55 हजार तक गिरेगा सोना (Gold Rate)? जानें एक्सपर्ट्स की राय

कुछ ही घंटों में सोना 3,900 रुपए प्रति 10 ग्राम सस्ता हो गया है, जिससे निवेशकों और मार्केट एक्सपर्ट्स के बीच हलचल मच गई है। मंगलवार को जहां ऐसा लग रहा था कि सोने की कीमतें ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा पार कर जाएंगी, वहीं अब कीमतें गिरकर ₹95,457 तक आ चुकी हैं। इस गिरावट के बाद एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है – क्या मॉर्निंगस्टार की 55 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम की भविष्यवाणी सच होने वाली है?
जानकारों के अनुसार, यह गिरावट कई ग्लोबल फैक्टर्स के चलते आई है। सबसे बड़ी वजह है अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड टेंशन में आई नरमी। जैसे-जैसे यह तनाव कम हो रहा है, गोल्ड की ‘सेफ हैवन’ डिमांड में कमी देखने को मिल रही है। इसके अलावा डॉलर इंडेक्स में मजबूती और अमेरिकी शेयर बाजार की तेजी ने भी सोने की चमक को फीका किया है। इससे निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी है, जिससे कीमतों (Gold Rate) में तेज गिरावट आई है।
सोने की कीमतों (Gold Rate) में जबरदस्त गिरावट : देश के मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर बुधवार को सोना 11:15 बजे तक ₹1,800 की गिरावट के साथ ₹95,536 प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा था। सुबह का कारोबार भी गिरावट के साथ शुरू हुआ, जहां गोल्ड ₹96,500 पर खुला। कारोबारी सत्र के दौरान कीमतें और गिरकर (Gold Rate) ₹95,457 के स्तर तक पहुंच गईं।
बीते मंगलवार को गोल्ड का भाव (Gold Rate) ₹99,358 पर पहुंच गया था, यानी अब तक कुल ₹3,901 की गिरावट देखी गई है। अप्रैल महीने में अब तक सोने की कीमतों में कुल ₹4,700 का इजाफा देखा गया था, लेकिन अब यह तेजी पलटती दिख रही है।

क्यों गिर रही हैं सोने की कीमतें (Gold Rate)?
- डॉलर इंडेक्स में उछाल: अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने गोल्ड की चमक को फीका कर दिया है।
- ट्रेड टेंशन में कमी: अमेरिका-चीन के बीच तनाव में कमी आने की उम्मीद से गोल्ड की ‘सेफ हेवन’ डिमांड घटी है।
- फेड द्वारा ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं: यह एक और कारण है कि सोने को सपोर्ट करने वाला कोई मजबूत ट्रिगर फिलहाल नजर नहीं आ रहा।
- निवेशकों की मुनाफावसूली: रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचते ही निवेशकों ने प्रॉफिट बुकिंग शुरू कर दी।
क्या अब सोना ₹55,000 तक आ सकता है? : मॉर्निंगस्टार की रिपोर्ट के अनुसार आने वाले वर्षों में सोने की कीमतें (Gold Rate) ₹55,000 तक गिर सकती हैं। रिपोर्ट में कई वजहें बताई गई हैं:
- सोने का उत्पादन बढ़ा है।
- सेंट्रल बैंकों की खरीद घटने के संकेत।
- ग्लोबल रिजर्व में इजाफा।
- रीसाइकल्ड गोल्ड की सप्लाई में बढ़ोतरी।
मॉर्निंगस्टार के रणनीतिकार जॉन मिल्स का मानना है कि सोना $1,820 प्रति औंस तक गिर सकता है, जो भारतीय बाजार में ₹55,000 प्रति 10 ग्राम के आसपास बैठता है।
क्या कहते हैं जानकार? : देश की कुछ GOLD क्सपर्ट का कहना है कि सोने में ओवरबॉट कंडीशन बन चुकी थी और अब इसमें तकनीकी सुधार की उम्मीद है। उन्होंने यह भी बताया कि:
- सोना-चांदी रेश्यो
- सोना-प्लेटिनम रेश्यो
- सोना-तांबा रेश्यो
जैसे कई इंडिकेटर्स यह संकेत दे रहे हैं कि सोने का बेहतर प्रदर्शन बिना सुधार के ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता।
दिल्ली में मंगलवार को सोने की कीमतें ₹1 लाख के पार पहुंच गई थीं, जिसमें जीएसटी शामिल नहीं था। हालांकि अब इसमें भी गिरावट दर्ज की जा रही है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब तक कोई नया पॉजिटिव ट्रिगर नहीं मिलता, तब तक सोने की कीमतों में स्थिरता आने की उम्मीद कम है।
मॉर्निंगस्टार की रिपोर्ट ने पहले ही आगाह किया था कि कुछ सालों में गोल्ड की कीमतें ₹55,000 तक गिर सकती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल स्तर पर सोने का प्रोडक्शन बढ़ा है, सेंट्रल बैंकों की खरीदारी घट रही है और रीसाइकल्ड गोल्ड की सप्लाई में भी बढ़ोतरी हो रही है। साथ ही, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के सर्वे के अनुसार 71% सेंट्रल बैंक अपने रिजर्व में कोई इजाफा करने के मूड में नहीं हैं।
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ट्रंप प्रशासन की ओर से चीन के साथ संभावित ट्रेड डील के संकेत और टैरिफ में कटौती की बातों ने बाजार को राहत दी है, जिससे सोने की सुरक्षित निवेश की छवि कमजोर हुई है। अमेरिका के ट्रेजरी सचिव ने भी माना है कि औपचारिक वार्ता की प्रक्रिया अभी लंबी है, लेकिन माहौल सकारात्मक होता जा रहा है।
कुल मिलाकर, गोल्ड में मौजूदा गिरावट ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। अगर मौजूदा ट्रेंड और ग्लोबल फैक्टर्स ऐसे ही बने रहते हैं, तो आने वाले समय में सोना ₹55,000 के स्तर तक भी आ सकता है। हालांकि निवेश से पहले बाजार की दिशा और ग्लोबल संकेतकों पर नजर रखना बेहद जरूरी है।