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मुस्लिम देशों को पछाड़कर इटली बना अमेरिका का नया कूटनीतिक बिचौलिया

जॉर्जिया मेलोनी के नेतृत्व वाला इटली अब अमेरिका की वैश्विक कूटनीति में मुख्य मध्यस्थ (Italy diplomatic middlema) के रूप में उभर रहा है। ईरान परमाणु वार्ता, रूस-यूक्रेन शांति प्रयास और यूरोपीय संघ-अमेरिका वार्ताओं में इटली की बढ़ती भूमिका ने पारंपरिक मुस्लिम मध्यस्थ देशों (जैसे कतर, तुर्की, ओमान) को पीछे छोड़ दिया है।
क्यों इटली को चुन रहा है अमेरिका?
✔ रणनीतिक साझेदारी: इटली NATO और G7 का प्रमुख सदस्य
✔ मेलोनी की सक्रिय विदेश नीति: अमेरिका-यूरोप के बीच सेतु की भूमिका
✔ वेटिकन का प्रभाव: ईसाई दुनिया के केंद्र के रूप में शांति वार्ताओं के लिए आदर्श
3 Italy diplomatic middlema : बड़े मामले जहां इटली निभा रहा अहम भूमिका
1. ईरान-अमेरिका परमाणु वार्ता अब रोम में
- पहले ओमान में होती थी वार्ता, अब रोम को प्राथमिकता
- अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस की मौजूदगी से स्पष्ट हुआ इटली का महत्व
2. रूस-यूक्रेन शांति वार्ता में वेटिकन की भूमिका
- पोप लियो XIV ने वेटिकन में वार्ता का प्रस्ताव रखा
- मेलोनी ने ट्रंप-पुतिन के बीच संपर्क बढ़ाने में मदद की
3. यूएस-ईयू वार्ता में इटली की मेजबानी
- रोम में हुई बैठक में यूक्रेन समर्थन और व्यापार पर चर्चा
- मेलोनी ने अमेरिका-यूरोप के बीच एकजुटता बनाए रखी
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मुस्लिम देशों की भूमिका क्यों घटी?
- तुर्की और कतर पर रूस-ईरान के करीब होने के आरोप
- ओमान की तटस्थता अब अमेरिका को कमजोर लगती है
- इटली का ईसाई पहचान पश्चिमी देशों के लिए अधिक स्वीकार्य