Operation Sindoor 2.0: क्या पाकिस्तान को ‘टुकड़ों’ में बांटने की तैयारी? जानें भारत की गेम-चेंजर रणनीति! 🔥

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर 2.0 की शुरुआत कर दी है, और यह सिर्फ एक सर्जिकल स्ट्राइक नहीं, बल्कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की बड़ी रणनीति का हिस्सा है! सूत्रों के मुताबिक, भारत इस बार 1971 के युद्ध जैसी गेम-चेंजर प्लानिंग पर काम कर रहा है, जहां बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करने की योजना चल रही है। चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला और क्यों दहल गया है पाकिस्तानी प्रशासन?
Operation Sindoor 2.0 : क्या है भारत की ‘बड़ी चाल’?
- पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और POK में 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया, जिसमें 100+ आतंकी ठिकाने ध्वस्त।
- पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे “युद्ध की कार्रवाई” बताया, लेकिन सेना प्रमुख असीम मुनीर अभी भी खामोश।
- भारत ने साफ कर दिया: “आतंक को पनाह देने वालों को अब कोई रियायत नहीं!”
1971 की रणनीति फिर? बलूचिस्तान पर क्यों टिकी है भारत की नजर?
बलूचिस्तान पाकिस्तान का वो दुखता घाव है, जहां स्थानीय लोग, पुलिस और सेना के बीच गहरा असंतोष है। विश्लेषकों का मानना है कि भारत इसी असंतोष का फायदा उठाकर बलूचिस्तान को अलग देश बनाने की रणनीति पर काम कर सकता है।
- 1971 जैसा पैटर्न: जिस तरह भारत ने बांग्लादेश बनाने में अहम भूमिका निभाई, उसी तर्ज पर बलूचिस्तान को लेकर ऑफेंसिव प्लान तैयार।
- दबाव का हथियार: बलूचिस्तान के अलग होने से पाकिस्तान की जियो-स्ट्रैटेजिक ताकत कमजोर होगी, और चीन का CPEC प्रोजेक्ट भी प्रभावित।
क्यों डरा हुआ है पाकिस्तान?
- बलूचिस्तान में आजादी की मांग लंबे समय से चल रही है।
- पाकिस्तानी सेना पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव।
- भारत की सक्रिय कूटनीति से पाकिस्तान अकेला पड़ सकता है।
ऑपरेशन सिंदूर 2.0 (Operation Sindoor 2.0) के 3 बड़े संकेत
- आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस: उरी, पुलवामा, बालाकोट के बाद अब पहलगाम—भारत की नई सैन्य सोच साफ।
- रक्षा से आगे बढ़कर हमला: अब भारत सिर्फ रिएक्ट नहीं, बल्कि प्रो-एक्टिव होकर आतंक के स्रोत को निशाना बना रहा।
- अंतरराष्ट्रीय समर्थन: अमेरिका, यूरोप समेत कई देशों में पाकिस्तान के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं? Operation Sindoor 2.0 पर
सुरक्षा विश्लेषक राजीव शर्मा के मुताबिक, “ऑपरेशन सिंदूर 2.0 सिर्फ आतंकवाद नहीं, बल्कि पाकिस्तान की राजनीतिक-आर्थिक रीढ़ तोड़ने की योजना है। बलूचिस्तान इसका प्रमुख टारगेट हो सकता है।”
क्या चुप्पी तोड़ेंगे चीन और तुर्की?
पाकिस्तान को मिलने वाली चीन और तुर्की की बैकिंग भी अब डगमगा सकती है। चीन के लिए बलूचिस्तान में CPEC प्रोजेक्ट का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा, जबकि तुर्की अंदरूनी आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
नोट: यह रणनीति अभी अनुमानों पर आधारित है, लेकिन पाकिस्तान में बढ़ता असंतोष और भारत का दृढ़ रुख इसे वास्तविकता में बदल सकता है।
तो क्या 2024 में दोहराई जाएगी 1971 जैसी इतिहास की घटना? ऑपरेशन सिंदूर 2.0 के आगे के स्टेप्स पर सभी की नजरें टिकी हैं! 🇮🇳💥