कहां-कहां चार दिन का कार्य सप्ताह लागू? – 4-दिवसीय वर्कवीक की बढ़ती लोकप्रियता

🌍 दुनियाभर में कहां-कहां लागू छः दिन नहीं, चार दिन वर्कवीक (Four-day workweek)?
1. दुबई (UAE)
दुबई ने सार्वजनिक क्षेत्र में 1 जुलाई से 12 सितंबर तक “Our Flexible Summer” नामक प्रयोग में चार दिन की कार्यसप्ताह (Four-day workweek) लागू की है। इसमें कर्मचारी सप्ताह में 4×8 घंटे या 4×7 घंटे + शुक्रवार को 4.5 घंटे का मॉडल अपना सकते हैं। इससे संतुष्टि और उत्पादकता में सुधार देखने को मिला है।
2. आइसलैंड
2015–19 तक 2,500+ कर्मचारियों के साथ बड़ी पायलट में काम वाले घंटे 40 से घटाकर 35-36 किए गए। उत्पादकता बनी रही या बढ़ी, और मानसिक संतुलन व परिवारिक जीवन सुधार हुआ, जिससे अब 90% से अधिक कार्यस्थलों ने वर्क-घंटे कम कर लिए हैं।
3. यूके (UK)
2022 में 61 कंपनियों और 3,000 कर्मचारियों ने 100:80:100 मॉडल अपनाया — 80% समय में 100% वेतन और उत्पादकता। 89% कंपनियों ने इसे स्थायी रखा, जबकि 18 ने तुरंत ही बदलाव अपनाया।
4. जापान
2019 में माइक्रोसॉफ्ट जापान की “Work-Life Choice Challenge” में 40% उत्पादकता वृद्धि हुई। नयी नियमों में टोक्यो सरकार भी चार दिवसीय कार्य विकल्प दे रही है, खासकर परिवार/महिलाओं के लिए।
5. बेल्जियम
फरवरी 2022 में बेल्जियम में 38 घंटे की पूरी साप्ताहिक मजदूरी चार दिनों में लेनी अनुमति दी गई है। कर्मचारी वर्क मैसेज बुनियादी घंटों के बाद नजरअंदाज़ कर सकते हैं ।
6. न्यूजीलैंड
2018 में Perpetual Guardian के छह सप्ताह के परीक्षण में उत्पादकता, जीवन गुणवत्ता, तनाव सभी सुधार पाए गए और तब से मॉडल स्थायी रूप से लागू है ।
भारत की स्थिति – नई श्रम संहिता 2025 में विकल्प?
भारत में नई श्रम संहिता (Labour Code 2025) में चार दिवसीय कार्य सप्ताह का प्रस्ताव है, बशर्ते कर्मचारी 48 घंटे पूरे करें — यानी 4 दिन × 12 घंटे प्रतिदिन। पर विशेषज्ञों का कहना है कि यह पारंपरिक सोच और लंबे कार्य घंटों वाली संस्कृति में इसको प्रभावशाली तरीके से लागू करना चुनौतीपूर्ण है ।
✅ सारांश तालिका
देश/स्थान | मॉडल और परिणाम |
---|---|
दुबई | 4 दिन × 8 घंटे / 7 घंटे + शुक्रवार आधा दिन → संतुष्टि व उत्पादकता में सुधार |
आइसलैंड | 40→35–36 घंटे, 90% कार्यस्थलों ने अपनाया; तनाव घटा, संतुलन बढ़ा |
UK | 100:80:100 मॉडल, 89% empresas जारी; 1.4% राजस्व में वृद्धि |
जापान | Microsoft की 40% उत्पादकता वृद्धि; टोक्यो सरकारी पहल |
बेल्जियम | 38 घंटे → 4 दिन अनुकूल; मापदंडों में लेबर अधिकार |
न्यूजीलैंड | Perpetual Guardian स्थायी मॉडल; संतुलन बेहतर हुआ |
भारत | विकल्प प्रस्तावित — 4×12 घंटे ≥48 घंटे; व्यवहार्यता पर सवाल |
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दुनिया मिसाल दे रही है—वर्क-लाइफ बैलेंस, मनोबल, उत्पादकता सभी बेहतर हुए। भारत में अभी मॉडल सुझावित स्तर पर है, लेकिन लंबी कार्य संस्कृति में इसे लागू करने के लिए समय, नीतिगत बदलाव, और कॉर्पोरेट मानसिकता परिवर्तन की ज़रूरत है। अगर नियोक्ता और सरकार मिलकर तैयार हों, तो यह कदम देश में भी उपयोगी साबित हो सकता है।