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295 जिलों में कल होगा ऐतिहासिक Mock Drill: 1971 के बाद पहली बार, युद्ध जैसे हालात में टेस्ट होंगे बचाव प्रोटोकॉल

नई दिल्ली। पाकिस्तान के साथ बढ़ते सीमा तनाव और पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। 7 मई, 2025 को देश के 295 जिलों में मेगा मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसमें युद्धस्तरीय हालात में नागरिक सुरक्षा प्रोटोकॉल का टेस्ट किया जाएगा। यह अभ्यास 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद से सबसे बड़ा मॉक ड्रिल होगा।
मुख्य बिंदु:
- जिलों की संख्या बढ़ी: पहले 244 जिलों की बात थी, लेकिन 2010 के बाद बने नए जिलों को जोड़कर संख्या 295 कर दी गई।
- क्यों हो रहा है यह ड्रिल?
- पाकिस्तानी घुसपैठ और आतंकी खतरों को देखते हुए तैयारियां।
- नागरिकों को युद्ध/आपदा के समय बचाव के तरीके सिखाना।
- कौन शामिल?
- सिविल डिफेंस कर्मी, पुलिस, एनडीआरएफ
- बीजेपी सांसद और छात्र संगठन एबीवीपी
- स्वयं सहायता समूह और स्थानीय संगठन
Mock Drill तैयारियों का हाल:
- दिल्ली: पुलिस ने गश्त बढ़ाई, सभी डीसीपी को योजना बनाने के निर्देश।
- यूपी-बिहार: ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा चौकियां सक्रिय।
- पश्चिम बंगाल: तटीय जिलों में समुद्री सुरक्षा ड्रिल पर फोकस।
1971 vs 2025: कैसे अलग है यह Mock Drill ?
पैरामीटर | 1971 का ड्रिल | 2025 का ड्रिल |
---|---|---|
जिलों की संख्या | 150 (उस समय के जिले) | 295 (नए जिलों सहित) |
तकनीक | मैनुअल संचार | ड्रोन, सैटेलाइट मॉनिटरिंग |
लक्ष्य | सैन्य हमले की स्थिति | हाइब्रिड वॉर (साइबर+आतंकवाद) |
क्या होगाMock Drill में?
- एयर सायरन: सुबह 10 बजे सायरन बजने के साथ शुरुआत।
- बंकर ड्रिल: स्कूलों, अस्पतालों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना।
- ब्लैकआउट प्रैक्टिस: बिजली कटौती के दौरान संचार व्यवस्था टेस्ट।
- फर्स्ट एड ट्रेनिंग: नागरिकों को चोटिलों की मदद करने के तरीके सिखाए जाएंगे।
क्यों जरूरी है यह अभ्यास?
- पाकिस्तानी सीमा पर तनाव: पिछले 6 महीने में 45 बार सीजफायर उल्लंघन।
- आतंकी खतरा: पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने नए हमलों की चेतावनी दी है।
- नागरिक तैयारी: 2022 के सर्वे के मुताबिक, 68% भारतीय आपात स्थिति में बचाव प्रोटोकॉल नहीं जानते।
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एक्सपर्ट व्यू:
“यह ड्रिल सिर्फ सरकारी नहीं, जनभागीदारी से ही सफल होगी। हर नागरिक को इसमें सहयोग देना चाहिए।”
– जनरल वेद प्रकाश (सेवानिवृत्त), रक्षा विश्लेषक
निष्कर्ष:
यह मॉक ड्रिल न सिर्फ सुरक्षा बलों, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी एक टेस्ट है। अगर आपके शहर में यह ड्रिल हो रही है, तो इसे गंभीरता से लें और सीखें कि आपातकाल में कैसे खुद को और दूसरों को सुरक्षित रखा जाए।