
130वां संविधान संशोधन विधेयक (130th Constitution Amendment Bill): अमित शाह ने विपक्ष को घेरा, कहा – “क्या जेल से सरकार चलानी चाहिए?”
तमिलनाडु, तिरुनेलवेली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में भाजपा बूथ समिति सम्मेलन को संबोधित करते हुए कई अहम मुद्दों पर जोरदार बयान दिए। अपने भाषण में उन्होंने 130वें संविधान संशोधन विधेयक(130th Constitution Amendment Bill), डीएमके सरकार और ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र करते हुए विपक्ष पर करारा हमला बोला।
🔹 तमिल संस्कृति को सराहा, तमिल न बोलने पर मांगी माफ़ी
अपने भाषण की शुरुआत में शाह ने कहा,
“मैं महान तमिल भाषा में बोलने में असमर्थ हूं, इसके लिए क्षमा चाहता हूं। लेकिन मैं तमिलनाडु की जनता को बताने आया हूं कि उनका बेटा सी.पी. राधाकृष्णन अब राज्यसभा का सभापति बनने जा रहा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा तमिल भाषा, संस्कृति और सम्मान को प्राथमिकता दी है।
🔹 ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवादियों को मिला मुंहतोड़ जवाब
अमित शाह ने अपने भाषण में ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र करते हुए कहा:
“पाकिस्तानी आतंकवादियों ने पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की हत्या की। पीएम मोदी ने वादा किया था कि आतंकवादियों को सबक सिखाया जाएगा, और उसी वादे को निभाते हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत उनके ठिकानों को नष्ट कर दिया गया।”
यह बयान दर्शाता है कि केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति में किसी तरह की ढिलाई नहीं बरत रही।
🔹 130वां संविधान संशोधन विधेयक क्यों लाया गया?
130वें संविधान संशोधन विधेयक को लेकर शाह ने कहा कि विपक्ष इसका विरोध कर रहा है, जबकि इसका मकसद साफ है —
“अगर कोई मुख्यमंत्री या मंत्री जेल में हो, तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। क्या कोई जेल में रहकर सरकार चला सकता है?”
शाह ने डीएमके सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी के मंत्री पोनमुडी और सेंथिल बालाजी आठ महीने जेल में रहे लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया।
उन्होंने सीएम स्टालिन पर निशाना साधते हुए कहा:
“जो खुद काले काम करते हैं, उन्हें इस विधेयक को ‘काला’ कहने का कोई हक नहीं।”
🔍 130वां संविधान संशोधन विधेयक क्या है?
यह संशोधन प्रस्ताव उन नेताओं को पद से हटाने की व्यवस्था करता है, जो जेल में रहते हुए मंत्री या मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। इसका उद्देश्य सरकारी पदों की गरिमा और जवाबदेही को बनाए रखना है।
राजनीति में नैतिकता बनाम सत्ता की लालसा
शाह का स्पष्ट संदेश था कि राजनीति में नैतिकता और जवाबदेही जरूरी है। अगर कोई नेता जेल में है, तो उसे पद छोड़ देना चाहिए ताकि लोकतंत्र की साख बनी रहे।
130वां संविधान संशोधन विधेयक पर अमित शाह की यह टिप्पणी केवल एक राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती की मांग भी है।
ऑपरेशन सिंदूर और तमिल संस्कृति का सम्मान जताकर उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय भावनाओं — दोनों को साथ लेकर चलने का संदेश दिया।