
🛑 दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए बड़ा कदम: 1 जुलाई से पुराने वाहनों को नहीं मिलेगा फ्यूल
दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार अब कड़े कदम उठाने जा रही है। 1 जुलाई 2025 से राजधानी में पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों को फ्यूल नहीं दिया जाएगा (Fuel ban on old vehicles in Delhi) । यह आदेश Commission for Air Quality Management (CAQM) ने जारी किया है और इसकी जद में अब पूरे एनसीआर के जिले भी आ सकते हैं।
📊 Fuel ban on old vehicles in Delhi: कितने वाहन होंगे प्रभावित?
CAQM की रिपोर्ट के अनुसार:
- दिल्ली में कुल 62 लाख पुराने वाहन तय समय सीमा पार कर चुके हैं।
- इनमें 41 लाख दोपहिया वाहन शामिल हैं।
- पूरे एनसीआर क्षेत्र में करीब 44 लाख पुराने वाहन इस नियम के दायरे में आएंगे।
दिल्ली के लगभग 520 पेट्रोल पंपों में से 500 पर ANPR (Automatic Number Plate Recognition) कैमरे लगाए जा चुके हैं। ये कैमरे वाहन की नंबर प्लेट स्कैन कर उसकी उम्र की पहचान करेंगे। यदि वाहन तय सीमा (पेट्रोल: 15 साल, डीजल: 10 साल) से पुराना होगा, तो उसे फ्यूल देने से मना कर दिया जाएगा।
शेष पंपों पर 30 जून 2025 तक कैमरे लगाने का लक्ष्य है।
🏙️ एनसीआर में भी लागू होंगे नियम
नवंबर 2025 से यह नियम गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत जैसे जिलों में भी लागू होगा।
- इन जिलों में 31 अक्टूबर 2025 तक ANPR कैमरे लगाने की योजना है।
- बाकी एनसीआर जिलों में यह नियम 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा।
⚖️ नियम तोड़ने पर क्या होगी सज़ा?
अगर कोई वाहन मालिक चोरी-छिपे फ्यूल डलवाने की कोशिश करता है, तो:
- उसका वाहन जब्त किया जा सकता है।
- उस पर कानूनी कार्रवाई भी संभव है।
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सरकार का उद्देश्य है:
“दिल्ली को एक स्वच्छ, सुरक्षित और प्रदूषण-मुक्त शहर बनाना।”
🔮 आगे क्या हो सकता है?
इस कदम के बाद अब कमर्शियल वाहनों पर भी निगरानी बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं लागू की जा सकती हैं।
✅ निष्कर्ष: क्या यह कदम बदलेगा दिल्ली की हवा?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बड़ा फैसला प्रदूषण नियंत्रण में कितना असरदार साबित होता है। लेकिन यह तय है कि यह बदलाव दिल्ली के वाहन चालकों और पर्यावरण—दोनों के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।